12th subjective question answer: बिहार बोर्ड इंटर एग्जाम 2024, जितने भी विद्यार्थी देंगे उन सभी के लिए केमिस्ट्री सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर

12th subjective question answer

12th subjective question answer: बिहार बोर्ड इंटर एग्जाम 2024, जितने भी विद्यार्थी देंगे उन सभी के लिए केमिस्ट्री सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर

1. संश्लेषित बहुलकों के नाम लिखें।

उत्तर-संश्लेपित बहुलक ) असंख्य मानव निर्मित बहुलको का बहुतायत में प्रयोग दैनिक जीवन तथा उद्योगों में किया जा रहा है। इनमेंरेश (नायलॉन, पॉलीएस्टर), प्लास्टिक (पॉलीथीन, पॉलीप्रोपीन), रबर (निओग्रीन, पॉलीस्टायरीन) आदि आते हैं।

2, साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करता ?

उत्तर-कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के आयन होतेहैं। यह आयन सोडियम अथवा पोटैशियम साबुन को कठोर जल में घोलने पर क्रमशः अघुलनशील कैल्सियम और मैग्नीशियम साबुन में परिवर्तित कर देते हैं। इस अघुलनशील साबुन मलफेन (Scum) की तरह पानी से अलग हो जाते हैं।

3. भोजन संरक्षक क्या है ? किसी एक संरक्षक का नाम लिखें।

उत्तर- जो पदार्थ वायुमंडलीय जीवाणु और फंगस से भोज्य पदार्थ की सुरक्षा करता है, भोजन संरक्षक कहलाता है। उदाहरण- सोडियम बेंजोएट ।

4. ग्लाइकोसाइडी बंध से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जब डाइसैकैराइड का जलअपघटन अम्ल या ऐन्जाइम की उपस्थिति में करवाया जाता है तो दो समान या असमान मोनोसैकैराइड प्राप्त होता है। दोनों मोनोसैकैराइड एक-दूसरे से ऑक्सीजन के माध्यम से बंधे होते हैं। जो दोनों मोनो सैकैराइड द्वारा जल अणु त्यागने से बना है। ऐसा आबंध ग्लाइकोसाइडी बंधक कहलाता है। स्टार्च तथा सेलुलोस जैसे पोलिसैकैराइड में भी ग्लाइकोसाइडी बंध होता है।

5. विटामिनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है ? रक्त के थक्के जमने के लिए जिम्मेदार विटामिन का नाम दीजिए ।

उत्तर— जल तथा वसा में विलेयता के आधार पर विटामिनों को
दो समूहों में वर्गीकृत किया जाता है।

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6. निम्नलिखित का उचित उदाहरणों के साथ वर्णन कीजिए:

(i) परिरक्षक

(ii) कृत्रिम मथुरक

(iv) खाद्य रंजक

(iii) प्रतिऑक्सीकारक

उत्तर- (1) परिरक्षक (Preservatives) भंडारण और वितरण के दौरान खाद्य-पदार्थों की महक, रंग, संरचना और भूख जगाने वाले गुणों में अवांछनीय परिवर्तन हो जाते हैं। इन परिवर्तनों को कुछ समय के लिए रोकने के लिए खाद्य उत्पादक (food producers) विभिन्न परिरक्षकों (preservatives) का उपयोग करते है। परिरक्षक खाद्य पदार्थो को सूक्ष्मजीवियों की वृद्धि द्वारा खराब होने से बचाते है। सोडियम बेंजोएट (CH, COONa) आमतौर पर प्रयुक्त होने वाला परिरक्षक है। उपापचय के द्वारा यह हिपूरिक अम्ल (CH,CONHCH, COOH) में परिवर्तित हो जाता है जो अंत में मूत्र द्वारा उत्सर्जित हो जाता है। प्रोपिओनिक अम्ल और सॉर्बिक अम्ल के लवणों का भी परिरक्षकों के रूप में उपयोग किया जाता है।

(ii) कृत्रिम मधुरक (Artificial Sweeteners) – कृत्रिम मधुरक एक अन्य प्रकार के खाद्य योजक है। सर्वप्रथम लोकप्रिय होने वाला कृत्रिम मधुरक सैकरीन था। यह जल-विलेय सोडियम अथवा कैल्सियम लवणों के रूप में बाजार में उपलब्ध था। सैकरीन इक्षु- शर्करा (cane sugar) से लगभग 300 गुणा अधिक मीठी होती है और लगभग न के बराबर आविषालु होती है। यह अनगिनत मधुमेह रोगियों के लिए जीवनरक्षक प्रमाणित हुई है और इन व्यक्तियों के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है जिन्हें बहुत कम कैलोरी की आवश्यकता होती है।

(iii) प्रतिऑक्सीकारक (Antioxidants) – प्रतिऑक्सीकारक महत्वपूर्ण और आवश्यक खाद्य योज्य है। ये यौगिक खाद्य पदार्थों पर ऑक्सीजन की क्रिया की गति को धीमा कर देते हैं और उनके परिरक्षण में सहायता करते हैं। ये उत्सर्ग पदार्थ कहलाते है अर्थात् ये जिन पदार्थों का परिरक्षण करते हैं, उनकी अपेक्षा ऑक्सीजन के प्रति अधिक अभिक्रियाशील होते हैं। ये उम्र के प्रभाव की प्रक्रिया (aging process) में मुक्त मूलकों की क्रिया की दर को कम करते हैं। ब्यूटिलित हाइड्रॉक्सी टॉलूईन और ब्यूटिलित हाइड्रॉक्सी ऐनिसॉल दो सबसे सुपरिचित प्रयुक्त प्रतिऑक्सीकारक है।

(iv) खाद्य रंजक (Edible Colours)

–खाद्य पदार्थों में प्रयोग होने वाले खाद्य रंग आवश्यक रूप से रंजक होते हैं। खाद्य रंजको का विस्तृत उपयोग होता है। उन्हें माँस से लेकर फलों तक सभी खाद्य पदार्थों को रंगने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, संतरों के छिलकों को रंग दिया जाता है ताकि संतरी का रंग ज्यो का त्यों बना रहे रंग फलों के रस का एक मुख्य संघटक है। रंजकों के कारण होने वाली हानियों के बारे में बहुत अधिक विवाद है। टेट्राजीन, जिसका रंजक के रूप में विस्तृत रूप से प्रयोग होता है, के बारे में कुछ ऐसा ही संदेह है। किन्तु प्राकृतिक रंजक जैसे कैरोटीन (carotene) सुरक्षित खाद्य रंजक है।

7. एक परीक्षण को लिखें जिसके द्वारा मिथाइल अल्कोहल एवंइथाइल अल्कोहल के अन्तर को स्पष्ट करें।

उत्तर- ऑयल ऑफ विंटरप्रीन परीक्षण के द्वारा अल्कोहल एवं इथाइल अल्कोहल के बीच अंतर किया जा सकता है। मिथाइल अल्कोहल, मिथाइल सैलिसाइलेट को गंध देता है जबकि इथाइल अल्कोहल कोई गंध नहीं देता है।

8. फ्रेऑन-12,DDT, कार्बन टेट्राक्लोराइड तथा आयडोफार्म के उपयोग दीजिए।

उत्तर- फ्रेऑन-यह अत्यधिक स्थायी, निष्क्रिय तथा निरावेषी (नॉन-टॉक्सिक) गैसे है। यह ऐरोसॉल प्रणोदक, प्रशीतक तथा वायु शीतलन में किया जाता है।

9. दो 5-0 आवयों को प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए जो SO, अणु बनाते हैं। क्या SO, अणु के ये दोनों S-O आवन्य समतुल्य है ?

उत्तर- SO, में दोनों बन्ध समान बन्ध लम्बाई 143 pm के साथ समान होते है। अणु में बनने वाले दोनों बन्ध सहसंयोजक

(covalent) तथा अनुपाती संरचनाओं के कारण समान रूप से प्रबल

होते है।

10. 1, से ICI अधिक क्रियाशील क्यों है ?

उत्तर- I, से ICI के अधिक क्रियाशील होने का कारण है—-1-1 आबंध की अपेक्षा I-CI आबन्ध का दुर्बल होना है जिसके परिणामस्वरूप ICI आसानी से वियोजित होकर हैलोजन परमाणु देता है जो तीव्रता से अभिक्रिया करते हैं। I, रासायनिक रूप से तुलनात्मक दृष्टि से कम अभिक्रियाशील है ।

11. हीलियम को गोताखोरी के उपकरणों में उपयोग क्यों किया

जाता है ?

उत्तर- आधुनिक गोताखोरी के उपकरणों में ऑक्सीजन के साथ हीलियम भी प्रयुक्त की जाती है। हीलियम को ऑक्सीजन के तनुकारी के रूप में उपयोग किया जाता है क्योंकि रुधिर में इसकी विलेयता बहुत कम है। चूँकि रुधिर में यह बहुत कम घुलनशील होती है इसीलिए यह डिकम्प्रेशन को घटाती है।

12. NH, हाइड्रोजन बन्ध बनाती है, परन्तु PH, नहीं बनाती, क्यों ?

उत्तर— नाइट्रोजन को विद्युत् ऋणात्मकता फॉस्फोरस से अधिक होती है। नाइट्रोजन के लघु आकार के कारण नाइट्रोजन पर आवेश की तीव्रता फॉस्फोरस की तुलना में अधिक होती है। इसलिए NH3 हाइड्रोजन बन्ध बनाती है, PH, नहीं ।

13. प्रयोगशाला में नाइट्रोजन कैसे बनाते हैं ? सम्पन्न होने वाली

क्रियाओं के रासायनिक समीकरणों को लिखिए।

उत्तर – प्रयोगशाला में नाइट्रोजन को अमोनियम क्लोराइड (NH,Cl) को सोडियम नाइट्राइट के साथ गर्म करके बनाते हैं।

NH,CI+ NaNO2 → NaCl + – NH NO2 NH1NO2 → N2 ↑ + 2H2O

14. समझाइए कि क्यों NH, क्षारकीय हैं, जबकि BiH, केवल दुर्बल क्षारक है ?

उत्तर – NH, क्षारकीय है जबकि BiH, केवल दुर्बल क्षारक है क्योंकि NH, पर आवेश की तीव्रता N- परमाणु के आकार के कारण अति उच्च होती है। केन्द्रीय परमाणु पर अधिक इलेक्ट्रॉन होने के कारण यह आसानी से एकाकी युग्म दान कर देता है तथा लुईस क्षार (Lewis base) की भाँति कार्य करता है। BiH में केन्द्रीय

परमाणु के बड़े आकार के कारण इलेक्ट्रॉन घनत्व कम होता है, इसलिए यह आसानी से एकाकी युग्म दान नहीं करता तथा दुर्बल क्षारक के रूप में कार्य करता है।

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